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समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
'जन्नत में हूरें'... आफताब तो 'पढ़ा-लिखा नारीवादी' था, फिर ये रूप कैसे छुपा रखा था?
आफताब (Aftab) एक अच्छी जॉब करने वाला पढ़ा-लिखा लड़का था. और, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तो आफताब ने खुद को नारीवादी, समलैंगिता का समर्थक जैसी प्रगतिवादी सोच वाला बता रखा था. लेकिन, पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान जब उसी आफताब (Shraddha Murder Case) के मुंह से जन्नत, हूरें, हिंदू लड़की जैसे शब्द निकलने लगें. तो, झटका लगना स्वाभाविक सी बात है.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
AYUSHI MODI
जब घर ही नहीं तो फिर लड़कियों-महिलाओं के लिए कौन सी जगह है महफूज?
श्रद्धा हत्याकांड के तहत कई सवाल उठते हैं. श्रद्धा घर से निकली थी आफताब के साथ जीवन बिताने के लिए. लेकिन उसे कहां ही पता था कि, जहां वो जा रही है फिर वो वहां से कभी वापस नहीं लौट पाएगी.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
श्रद्धा मर्डर केस ने बेटियों के माता-पिता की टेंशन बढ़ा दी है
श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha murder case) ने माता-पिता के मन में दहशत पैदा कर दी है. जिनकी बेटियां पढ़ाई या जॉब के लिए घरों से दूर रहती है उनकी जान हलक में है. कई माता-पिता इस केस को देखने के बाद से घबराएं हुए हैं. उन्हें अपनी बेटी की चिंता सताने लगी है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
मां चाहती थी बेटी 'श्रद्धा' न बने, इसलिए वो ख़ुद 'आफ़ताब' बन गयी!
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में एक महिला ने दूसरी जाति के व्यक्ति से प्यार करने के कारण अपनी 19 साल की बेटी की हत्या कर दी. मामले में दिलचस्प ये रहा कि बाद में हेयर डाई पाउडर खाकर उसने खुद आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन उसके पड़ोसियों ने बचा लिया.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
एक प्यार, तीन लड़कियों की मौत, और जीवन के अनगिनत सबक
प्यार में एक लड़की की हत्या कर दी. दूसरी लड़की ने सुसाइड कर लिया और तीसरी लड़की मरकर भी हमेशा के लिए अपने प्यार को पा गई...ये तीन अलग-अलग कहानियां सबक लेने के लिए काफी हैं.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
AYUSHI MODI
श्रद्धा-आफ़ताब में कैसा प्यार था जो थोड़े ही समय में रूह कंपा देने वाली नफरत में बदल गया?
श्रद्धा हत्याकांड पर चर्चाएं तेज हैं. कई सवाल उठ रहे हैं. और कई तरीके से उठ रहे हैं. लेकिन क्या किसी ने सोचा कि अगर श्रद्धा आफताब के साथ न रहती तो? क्या आफताब श्रद्धा से सच में प्यार करता था?
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 6-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
5 घटनाएं जिसमें प्रेमिका, पत्नी और बेटी को मारा-काटा गया, दुनिया महिलाओं के लिए सुरक्षित कब होगी?
कब तक महिलाओं को सिर्फ हाड़ मांस समझकर उनके शरीर को चीरा-काटा जाएगा? क्या इस दुनिया के किसी हिस्से पर उनका अधिकार नहीं है? क्या अपनी जिंदगी पर, अपने फैसलों पर उनका कोई अधिकार नहीं है? पिछले कुछ दिनों तक जिस तरह कुत्तों के काटने की खबरें आ रही थीं उसी तरह इन दिनों महिलाओं के काटे-मारे जाने की खबरे सामने आ रही हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 6-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
Shraddha Murder Case: लिव इन में रहना सही है या गलत?
समस्या लिवइन में रहना नहीं है. समस्या तो उस चीज को नजरअंदाज करना है जिसने श्रद्धा को मौत के मुंह में धकेल दिया और आफताब आरी से लकड़ी काटने की बजाए एक लाश के 35 टुकड़े करने बैठ गया.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
श्रद्धा जैसी लड़कियों को 'रानी लक्ष्मीबाई' का रूप धारण करना जरूरी है
अगर श्रद्धा को आफताब का असली चेहरा दिख गया था तो उसने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का रूप क्यों नहीं धरा? उसने आफताब को सबक क्यों नहीं सिखाया? उसने आफताब के खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया? आज के समय में लड़कियों को अपने अंदर रानी लक्ष्मी बाई के गुण रखने चाहिए और किसी के झांसे में नहीं आना चाहिए.